________________ ३४-डाक्टर या खनी ! प्रश्न-जिस प्रकार डाक्टर रोगी की करुण दशा देखकर उसे रोग मुक्त करने के लिए कटु औषधि देता है, आवश्यकता पड़ने पर शस्त्र क्रिया भी करता है, जिससे रोगी को कष्ट तो होता ही है, किन्तु इससे वह रोग मुक्त हो जाता है और ऐसे रोग हर्ता डाक्टर को आशीर्वाद देता है। कदाचित् डाक्टर को अपने प्रयत्न में निष्फलता मिले, और रोगी मर जाय तो भी रोगी के मरने से डाक्टर हत्यारा या खूनी नहीं हो सकता, क्योंकि-डाक्टर तो रोगी को बचाने का ही कामी था। इसी प्रकार द्रव्य पूजा में होने वाली हिंसा उन जीवों की व पूजकों की हितकर्ता ही है, ऐसे परोपकारी कार्य (मू० पू० / का निषेध क्यों किया जाता है ? उत्तर-परोपकारी डाक्टर का उदाहरण देकर मूर्ति पूजा को उपादेय बताना एकदम अनुचित् है। उक्त उदाहरण तो उल्टा मूर्ति पूजा के विरोध में खड़ा रहता है / यहां हम डॉक्टर और रोगी सम्बन्धी कुछ स्पष्टीकरण करके उदाह. रण की विपरीतता बताते हैं।