________________ ( 1 ) बैठे हैं, किन्तु उसी समय कोई सुन्दरी युवति वस्त्राभूषण से रूज हो नूपुर का झङ्कार करती हुई उस व्याख्यान सभा के समीप होकर निकल जाय तब आप ही बताइये, कि उस युवती का उधर निकलना मात्र ही उन त्यागी महात्मा के घंटे दो घन्टे तक के किये परिश्रम पर तत्काल पानी फिरादेगा या नहीं ? अधिक नहीं तो कुछ क्षण के लिए तो सुन्दरी श्रोतागण का ध्यान धारा प्रवाह से चलती हुई वैराग्यमय व्याख्यान धारा से हटा कर अपनी ओर खींच ही लेगी, और इस तरह श्रोताओं के हृदय से बढ़ती हुई वैराग्य धारा को एक बार तो अवश्य खण्डित कर देगी। और धो डालेगी महात्मा के उपदेश जन्य पवित्र असर को / भले ही वह साक्षात् स्त्री नहीं होकर स्त्री वेष धारी बहुरूपिया ही क्यों न हो? (2) आप अपना ही उदाहरण लीजिए, आप मन्दिर में मूर्ति की पूजा कर रहे हैं, आप का मुंह त्यागी की मूर्ति की ओर होकर प्रवेश द्वार की तरफ पीठ है। आप बाहर से आने वाले को नहीं देख सकते, किन्तु जब आपकी कर्णेन्द्रिय में दर्शनार्थ आई हुई स्त्री (भले ही वह सुन्दरी और युवती न हो) के चरणाभूषण की आवाज सुनाई देगी, तब आप शीघ्र ही अपने मन के साथ शरीर को भी वीतराग मूर्ति से मोड़कर एकबार आगत स्त्री की तरफ दृष्टिपात तो अवश्य करेंगे। उस समय आपके हृदय और शरीर को अपनी ओर रोक रखने में वह मूर्ति एक दम असफल सिद्ध होगी। कहिये, मोहराज की विजय में फिर भी कुछ सन्देह हो सकता है क्या ? और लीजिए: (3) एक कमरे में तीर्थंकरों महात्मामों, देश नेताओं के अनेक चित्रों के साथ एक शृङ्गार युक्त युवति का चित्र भी एक