SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 95
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 90 गतिगन्धनयोः / ष्णा शौचे, सनौ सस्नतुः / द्रा कुत्सितगतौ / पा रक्षणे, अपासीत पायात् / दावे लवने, अदासीत् / ख्या कथने / // 6 // शास्त्यसूवक्तिख्यातेरङ् / अद्यतन्यां, आख्यत / मा माने, अमासिषुः मेयात / इ स्मरणे, अध्येति अधीतः // 7 // इको वा स्वरेऽविति शिति यः अधियन्ति अधोयन्ति // 8 / / एत्यस्तेर्वृद्धिहस्तन्याममाङा / आयन् // 9 // इणिकोर्गाऽद्यतन्यां / अगात् / इण गतौ, एति // 10 // द्विणोरप्विति / शिति स्वरे य्वौ, यन्ति अगात इयाय // 11 // इण इय् स्वरे / ईयतुः // 12 / / आशिषीण / उपसर्गाङ्किति यि ह्रस्वः, उदियात् / षु प्रसवैश्वर्ययोः // 13 / / उत औविति व्यञ्चनेऽद्वेः / सौति // 14 // धूगसुस्तोः परस्मै सिच आदिरिट् / असावीत् / तु वृत्तिहिंसापूरणेषु / / 15 / / यतुरूस्तोर्बहुलं / व्यञ्जनादौ विति परादिरीत , तवीति तौति / यु मिश्रणे, यौति / णु स्तुतौ, अनाबीत् नुनाव / क्ष्णु तेजने / स्नु प्रस्रवणे, सुस्रोथ / - // 16 / / स्नोरनात्मने स्ताद्यशित / आदिरिट, सुस्नविथ / टुक्षुरुकु शब्दे, रौति रवीति अरौषीत् / रुद् अश्रुविमोचने // 17 / / रुत्पञ्चकाच्छिदयो व्यजनादेरादिरिट् / रोदिति // 18 // दिस्योरीट् /
SR No.004483
Book TitleMadhyam Siddh Prabha Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages134
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy