________________ 89 वापे, उवाप ऊपतुः उप्यात् / वही प्रापणे, उवाह / ट्कोश्वि गतिवृद्धयोः, श्वयति अश्वत् अशिश्वियत् अश्वयीत् // 13 // वा परोक्षायडि श्वेवि॑त् / शुशाव शिश्वाय शूयात् / वद व्यक्तायां वाचि, ऊदतुः // 14 / / दीप्तिज्ञानयत्नविमत्युपसंभाषोपमन्त्रणे वदः / कर्तर्यात्मने, वदते विद्वान्स्याद्वादं // 15 / / व्यक्तवाचां सहोक्तौ / संप्रवदन्ते ग्राम्याः // 16 // विवादे वा / वस निवासे, उष्यात वत्स्यति / / इति यजादयः // 6 // // 7 / / भ्वादी घटादयः / / - घटिष चेष्टायाम् / व्यथिष् भयचलनयोः, विव्यथे। प्रथिष् प्रख्याने / म्रदिष् मर्दने / भित्वरिष् संभ्रमे / श्रा पाके / रगे शङ्कायाम् / लगे संगे / ज्वर रोगे / ज्वल दीप्तौ // इति घटादयः // इति भुवादयः / / 1 / / // 2 / / अदादिः // अथादादिः / अद प्सा भक्षणे, अत्ति / / 1 // हुधुटो हेधिः / अद्धि अत्तात् // 2 // अदश्चाट / शितोदिस्योः, चाद्रुत्पञ्चकात्, आदत् आद: / / 3 / / घस्लू सनद्यतनीघाचल्यदः / अघसत् // 4 // परोक्षायां नवा / जघास आद // 5 // वा द्विषातोऽनः / पुस्, अप्सुः अप्सान् / भा दीप्तौ / या प्रापणे / वा