________________ // 211 / / इष्टादेः // 212 / / तेन वित्ते चंचुचणौ, न्यायचणः // 213 // साक्षाद् द्रष्टा साक्षी साक्षिणी // 214 // तदस्यास्त्यस्मिन्निति मतुः / गुणाः सन्ति अस्यास्मिन्वेति गुणवान् // 215 / / मावर्णान्तोपान्यापंचमवर्यान्मतोर्मोवः / भूमनिन्दाप्रशंसासु, नित्ययोगेऽतिशायने / संसर्गेऽस्तिविवक्षायां, प्रायो मत्वादयो मताः // 1 // // 216 / / न स्तं मत्वर्थे नाम पदं, शर्मवान् // 217 / / नोादिभ्यो मतोर्मो वः, भूमिमान् द्राक्षामान् ककुद्मान् ज्योतिष्मान् कान्तिमान् वसुमान् भानुमान् // 218 // शिखादिभ्य इन् / माली कर्मी बली शंगी फली मनीषी करुणी उद्यमी // 219 // अतोऽनेकस्वरात् / तिलकी // 220 // तुन्दादिभ्य इलश्च / / 221 // वृन्दादारकः / / 222 // शृंगात् / 223 / फलबर्हाच्चेनः // 224 // मलादीमसश्च / मलिनः मलीमसः // 225 // बलवातदन्त ललाटादूल: बलूल: // 226 // प्राण्यंगादातो लः / जंघालः // 227 // प्रज्ञापर्णोदकफेनाल्लेलौ // 228 // वाच आलाटौ / वाचाल: // 229 // ग्मिन् / वाग्मो // 230 // मध्वादिभ्यो रः मधुरः खमुखकुंजनगोषशुषिपाण्डुपांशवः // 231 // सिध्मादिक्षुद्रजन्तुरुग्भ्यो लः / मूर्छाल: यूकालः मांस