________________ पितरौ // 7 // पुरुषः स्त्रिया / पट्वी च पटुश्च षटु // 8 // ग्राम्याशिशुद्विशफसंघे खो / गावच गावश्च . इमा गावः // 9 // धर्मार्थादिषु / यथाकामं प्राक्, धर्मार्थों अर्थधर्मों, पंचानामजानां समाहारः पंचाजी // 10 // लध्वक्षरासखोदुत्स्वराद्यदल्पस्वराय॑मेकं / लघ्वक्षरं सखिवर्जेदुदन्तं स्वराद्यकारान्तमल्पस्वरमर्थ्य चैक प्राक् // 11 / / तस्तृणधान्यमृगपक्षिणां बहुत्वे / स्वैर्वैकत्वं, तिलमाषं // 12 // इदुतो यथाकामं / पतिवसू वसुपती // 13 // अप्राणिपश्वादेः / द्रव्यस्य जातो वैकार्थः, अस्त्रशस्त्रं धवपलाशौ श्रद्धामेधे / // 14 // स्पर्द्ध परमेकं प्राक् // 15 // मासवर्णभ्रात्रनुपूर्वं // 16 // चवर्गदषहः समाहारेऽत् / वाक्त्वचं // 17 // स्त्रियाः पुंसो द्वन्दाच्चात् / चात्कर्मधारये // 18 // गवाश्वादिरेकार्थः / स्त्रीपुंसं // 19 / / विरोधिनामद्रव्याणां नवा / स्वैः, सुखदुःखे सुखदुःखं // 20 // पशुव्यञ्जनानाम् // 21 // सेनाङ्गक्षुद्रजन्तनाम् // 22 / / फलस्य // 23 // प्राणितूर्याङ्गाणाम्। पाणिपादं शंखपटहं / // 24 // नित्यवरस्य / ब्राह्मणश्रमणम // 25 // नदीदेशपुरां विलिङ्गानाम् / मथुरापाटलीपुत्रम् // 26 // दिवो द्यावा / द्यावागोत्रा // 27 // हृदयस्य हल्ला