________________ 55 सलेखाण्ये / हल्लासः // 28 // पदःपादस्याज्यातिगोपहते / पदोपहतः // 29 // हिमहतिकाषिये पद् / पत्काषी // 30 // उदकस्योदः पेषंधिवासवाहने // 31 // खित्यनव्ययारूषो मोऽन्तो ह्रस्वश्च // 32 / / कर्तुः खश् / व्याप्यात्कर्तुः खश्, क्षेमंकरः // 33 // यापो बहुलं नाम्नि ह्रस्वः, महिगुप्तः // 34 // मालेषिकेष्टकस्यान्तेपि भारितूलचिते ह्रस्वः / उत्पलमालभारि // 35 // पृषोदरादयः निरुक्तात् / पृषदुदरं यस्य स पृषोदरः / वर्णागमो वर्णविपर्ययश्च, द्वौ चापरौ वर्णविकारनाशौ / धातोस्तदर्थातिशयेन योगस्तदुच्यते पञ्चविधं निरुक्तम् / / 1 // इति समासाः // 15 // / इति द्वद्वसमासः / / / 16 // तद्धितप्रत्ययाः // // 1 // तद्धितोऽणादिः / / 2 / / प्राग्जितादण पादत्रये // 3 // धनादेः पत्युः / प्राग्जितीयेऽर्थे वाऽण, धनपतेरपत्यादि // 4 // उसोऽपत्ये / षष्ठ्यन्तादपत्यार्थेऽणादयः / / 5 / / वद्धिः स्वरेष्वाणति / तद्धिते, (अवर्णवर्णस्येति) धानपतं // 6 // दित्यदित्यादित्ययमपत्युत्तरपदाज्ञ्यः / दितेरपत्यादि दैत्यः // 7 // कल्यग्नेरेयण् / कालेयः / / 8 // उत्सादेरञ् / औत्सः माहानदः माहा