________________ दन्तस्य दतृ . सुसंख्यात्, सुदती / / 31 / / दध्युरः / सर्पिर्मधूपानच्छाले. कच्, प्रियशालिकः // 32 // शेषाद्वा / बहुखट्वाक: बहुखट्वः // 33 // इयसोर्न / बहुश्रेयान् // 34 // आहिताग्न्यादिषु / वा क्ताः प्राक्, पीतघृतः घृतपीतः // 35 // प्रहरणात् / / 36 / / न सप्तमीन्द्वादिभ्यश्च चात्प्रहरणात् // 37 / / विशेषणसर्वादिसंख्यं / प्राक्, द्विपुत्रः / / 38 // सुज्वाऽर्थे संख्या / संख्येये संख्यया, द्विर्दश द्विदशाः // 39 / / द्वौ वा / त्रयो वा संख्या समासे क्रमेण द्वित्राः। नसुव्युपत्रेश्चतुरोऽत्, त्रिचतुराः // 40 // अनोर्देश / उपापः, अनूप / // 41 / / गदृशक्षे। समानस्य सः, सदृक् // 42 // अन्यत्यदादेराः / हगादिषु, अन्यादृक् // 43 // इदंकिमोत्की / कीदृगं / इति बहुव्रीहिः // 4 // // 5 // द्वन्द्वसमासः / . // 1 // चार्थे द्वन्द्वः, संमुच्चयान्वाचयेतरेतरयोगसमाहाराश्चार्थाः, नाद्ययोः समासः, चैत्रश्च मैत्रश्च दत्तश्च चैत्रमैत्रदत्ताः // 2 // त्यदादिः शेषः, स च चैत्रश्च तौ // 3 // स्त्रीपुनपुंसकानां परं। शेषः // 4 // भ्रातृपुत्राः स्वसृदुहितृभिः / समासे शिष्यन्ते, भ्राता च स्वसा च भ्रातरौ // 5 // पिता मात्रा वा / माता च पिता च पितरौ // 6 // आ द्वन्द्वे पूर्वर्त / माता