________________ 6 / / ऋन्नित्यदितः / बहुकर्तृकः / / 7 / / तद्धिताककोपान्त्यपूरण्याख्या न पुंवत् / लाक्षिकीदेश्या / / 8 / / रिति / पुंवत्, षष्ठदेशीया // 9 / / ऋदुदित्तरतमरुपकल्पब्रुवचेलगोत्रमतहते / वा पुंवत् ह्रस्वश्व, श्रेयसितरा श्रेयस्तरा // 10 // क्यङ्मानिपित्तद्धिते / श्येतायते। // 11 / / प्रमाणीसंख्याड्डः // 12 // विंशतेस्तेडिति / लुक्, उपविंशाः // 13 // उष्ट्रमुखादयः / उष्ट्रस्य मुखमिव मुखं यस्य स उष्ट्रमुखः // 14 // सहस्तेन / सह पुत्रेण // 15 / / सहसोऽन्यार्थे / सपुत्रः / // 16 // दिशोरुढयन्तराले / पूर्वस्या उत्तरस्याश्वान्तरालं पूर्वोत्तरा // 17 // खरखुरान्नासिकाया नए // 18 // पूर्वपदस्थानाम्न्यगः णः / खरणाः / / 19 / / अस्थूलाच्च नसः / द्रुणसः // 20 // उपसर्गात् नसः / प्रणसः / / 21 / / वेः / खुनग्रम्, विग्रः // 22 // प्रजाया अस् नन्सुदुर्व्यः / दुष्प्रजा: // 23 // मन्दाल्पाच्च मेधायाः। चान्नसुदुर्यः, सुमेधाः // 24 // द्विपदाद्धदिन् / सुधर्मा // 25 // संप्राज्जानोर्जुशौ / संज्ञः // 26 // वोर्ध्वात् / उर्ध्वजुः // 27 / / धनुषों धन्वन् / दृढधन्वा / / 28 // जायाया जानिः / प्रियजानिः // 29 // पात्पादस्याहस्त्यादेः / सिंहपात् // 30 // वयसि /