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________________ कत्तत्पुरुष, कुत्सितमन्नं कदनं // 52 // रथवदे कद् // 53 // काऽक्षपथोः // 54 // काकवी वोणे / कंदुष्णं कोष्णं कवोष्णं // 55 // समानस्य / धर्मादिषु सः. सधर्मः // 56 // विशेष्यं / विशेषणेनैकार्थं कर्मधारयश्च चात्तत्पुरुषः, नीलं च तदुत्पलं च नीलोत्पलं, मातानुलिप्तः सर्वरात्रः केवलज्ञानं // 57 / / सर्वादयोऽस्यादौ पंवत् / पौर्वशालः // 58 // संख्या समाहारे द्विगुश्चानाम्न्ययं / चात् संज्ञातद्धितोत्तरपदे, पंचाम्राः सप्तर्षयः अनाम्नि समासत्रयं // 59 // निन्द्यं कुत्सनः / मुनिधूर्तः // 60 // उपमानं सामान्यः / / // 61 / / पुंवत्कर्मधारये परतः / स्त्र्यनूङ्, मृगचपला // 62 / / उपमेयं व्याघ्राद्यैः / पुरुषव्याघ्रः // 63 // श्रेण्यादि / कृताद्यैश्च्व्यर्थे, श्रेणिकृता // 64 // क्तं नमादिभिन्नैः / शाताशितं // 65 // सेट् नानिटा / पवितमपूतं // 66 / / सन्महत्परमोत्कृष्टं / पूजायां // 67 / / कि क्षेपे / किराजा // 68 // कुमारः / श्रमणादिना, कुमारश्रमणा // 69 / / मयूरव्यंसकेत्यादयः / व्यंसको मयूरः मयूरव्यंसक: // 70 // महतः / करघासविशिष्टे डाः स्त्रियां, महाकरः // 71 // द्वित्र्यष्टानां // 72 / / द्वात्रयोऽष्टाः / प्राक् शतादनशीतिबहुव्रीहौ, त्रिभिरधिका त्रिंशत् त्रविशत्
SR No.004483
Book TitleMadhyam Siddh Prabha Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages134
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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