________________ 47 // 22 // अनः / अत् // 23 // नोऽपदस्य / तद्धिते लुक्, अध्यात्म // 24 // सख्याक्षशलाकं / परिणा द्यूतेऽन्यथावृत्ती, एकेनान्यथा वृत्तं द्यूतमेकपरि, शलाकापंरि // 25 / / नपुंसकाद्वाऽनोऽत् / अनुलोमं अनुलोम // 26 // तिष्ठग्वित्यादयः / अन्यपदार्थेऽपि // 27 / / योग्यतावीप्सानतिवृत्तिसादृश्ये / रूपस्य योग्यमनुरूपं, अर्थमर्थं प्रति प्रत्यर्थं, शक्तेरनतिक्रमेण यथाशक्ति, सशीलं / इत्यव्ययीभावः // 1 // अथ // 2-3 / / तत्पुरुषः कर्मधारयश्च / / // 1 // गतिक्वन्यस्तत्पुरुष / गतिसंज्ञककुशब्दौ बहुव्रीह्यादिभिन्नश्च तत्पुरुषः स्यात्, ऊरीकृत्य // 2 // दुनिन्दाकृच्छ् / दुष्करं // 3 // सुः पूजायां // 4 // पूजास्वतेः / प्राक् टात् न समासान्त // 5 // अतिरतिक्रमे च / चात्पूजायां, पूजितो राजा अतिराजा // 6 // आल्पे / ईषत्पिङ्गल: आपिङ्गलः // 7 // अव्ययं प्रवृद्धादिभिः / स्वर्यात इत्यादि // 8 // हस्युक्तं कृता / कृति डस्युक्तं कृता समस्यते स तत्पुरुषः, कुम्भकारः // 9 // तृतीयोक्तं वा / मूलकेनोपदशं मूलकोपदंशं // 10 // नञ् नञ्तत्पुरुषान्नाट // 11 // नात् / न गौः अगौः // 12 // अन् स्वरे नञ् / अश्वादन्योऽनश्चः // 13 // त्यादौ क्षेपे /