________________ ( 74 ) पूज्यश्रीनी शुभ निश्रामा राजस्थानमा अनेक स्थले अंजनशलाका-प्रतिष्ठादिनां शुभ कार्यो थतां ज रहेतां होवा छतां संस्कृत के तात्त्विक विषयना साहित्य सर्जनमा तेस्रोश्री खूवज प्रवृत्तिशील बनी रहेता होइ विविध विषयो पुस्तकोनु सर्जन करी शकया छ / पूज्यश्रीना रोमेरोममा प्रकाशी रहेल समता गुणे, राजस्थानना घणा गामोमां दीर्घकालीन क्ल शमय वातावरणने पण एकदम शांत बनाषी अंजनशलाका-प्रतिष्ठा प्रादिनां कार्यो निविघ्ने अने उत्साह पूर्ण वातावरणवाळां बनी जवा पाम्यां छ / ******************AXARREKEK शासन प्रभावनानां अने सकल संघना हितकार्योमां कया माणसपासेथी कइ रीते काम लेवु तेनी सुज, प्रा प्राचार्य भगवन्तमा अजोड छ। हमणां ज थयेल धीबामणवाडजी महातीर्थमां अंजनशलाका अने प्रतिष्ठान कार्य ते प्रत्यक्ष पूरावा रुपे छ / पूज्यश्री दीर्घायु बनी रही नवा नवा साहित्य सर्जनमा अने शासनप्रभावनानां विविध कार्योमां शासनदेव तेश्रोधीने सहायभूत बनी रहे एज शुभेच्छा / श्री वीर सं० 2503 ली० विक्रम सं० 2033 खुबचंद केशवलाल पारेख अषाड शुक्ला त्रयोदशी निवृत्त "धार्मिक शिक्षक" दिनाङ्क 26-6-77 / वाव (बनास कांठा) गुजरात. Inter RRRRRRRRRRRRRRRR