________________ [ 22 ] लोकोने उपकारक थाय ते माटे एनुअाकर्षक प्रकाशन अने व्यवस्थित संपादन थाय तो प्राथमिक संस्कृत अभ्यासोप्रोने खूनज उपयोगी नीवडो। आपे अनेकानेक ग्रन्थोनी रचना करीने जैन समाज ने अर्पण कर्या छे. शासनदेव आपने अधिकाधिक बल प्रापे ने वधु 2 ग्रंथोनी रचना करो एवी हार्दिक शुभेच्छा। *******RRRAAARRRRRRRRRRRRRRRRRRK मुम्बइ-३ दिनांक 21-10-76 प्रवर्तक / मुनिनिरंजनविजय श्रीनमिनायजी जैन उपाश्रय 376, भीडी बजार .