________________ है अभिप्राय - प्रापे अभिधान चिंतामणि उपरथी ‘सुशीलनाममाला' नूतन ग्रंथ तैयार कर्यो ते माटे भूरी 2 अनुमोदना. खरेखर बालजीवोने व्याकरणना अभ्यासीनोने सरल उपयोगी नीवडशे तेमां शक नथी. REARREARREARREARRIERRAZZARSEXREARREARREARREARREARREAKERAYARI . आप विद्वद्वर्य छो ने व्याकरण तथा साहित्य पापना श्वासमां घूटायेलुछे. प० पू० आचार्य गुरुदेवोनापाशीर्वाद मेळवेला छे. आपनी कृतिने माटे हुँ नानो शुलखु ! ___ खरेखर कलिकाल सर्वज्ञ श्रीमद्हेमचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा जगत्प्रसिद्ध व्याकरणकार कहेवाया. तेोश्रीए रचेल विद्वभोग्य ए अभिधान चितामणि कोशनु प्रालंबन लई प्रापे एक सुदर संस्कृत कोश तैयार कर्यो ते वधुने वधु