________________ 422 सुशीलनाममालायो प्रग्रीय इचाग्रियो ऽयं वै, प्रष्ठ' प्राग्रहरं परम् 12 / प्रकृष्ट प्रमुखं'४ चैव. पुरोग१५ प्रवर' 6 वरम्१७ // 2614 // प्रधानं 8 चोत्तम 6 जात्य२० मनुत्तमः १-मनुत्तरम्२२ / बर्य२३ चाऽनवराय 24 वै, परार्थ२५ ग्रामरणी:२६ पुनः // 2615 // प्रवह२७ च प्रवेक 28 वै, वरेण्यं च प्रसिद्धकम् / एतन्नामानि मुख्यस्य, सर्व विशेषणार्थकम् // 2616 // * श्रेष्ठनामानि ॐ धेयः' श्रेष्ठं पुष्कल न्च, सत्तम -मऽतिशोभनम् / तथोत्तरपदे व्याघ्र'-पुङ्गव-र्षभ-कुजरा. // 2617 // ... सिंह-शार्दूल-नागाद्या', उत्तमार्थे भवन्ति वै। वृन्दारक स्तल्लज'च, मतल्लिका मचचिका // 2618 // उद्धः११ प्रकाण्ड 12 शब्द श्च, प्रशस्यार्थे प्रयुज्यते। ॐ गौणार्थका:शब्दा: * . गुणो'-पसर्जनो-पान-मप्रधाने -प्रयुज्यते // 2616 // * अधमनामानि 8 अधम-मरणक' गर्दा, निकृष्ट काण्ड' कुत्सिते' / अवद्य-मपकृष्ट ञ्च, प्रतिकृष्टं ब्रुवं पुनः // 2620 // रेफो" रेपो 2 ऽवमं पापं१४, याप्यं 5 याव्यं तथा ऽर्व 17 वै।