________________ 414 सुशीलनाममालाया मृदंगजो हि गुन्दलो', गुन्दुलोऽपि हि मन्यते // 2557 // . क्षीजनं' कोचकानां स्याद्, भेर्या नाद स्तु दद्रुरः' / तथाऽत्युच्च र्ध्वनि स्तारः', कथ्यते पण्डितः किल // 2558 // मन्द्रो' गम्भीर शब्दः स्यान, मद्रोऽपि मन्यते बुधैः। कल.' स्यान् मधुर शब्दः, मन्दे मिष्टे च काकली' // 2556 / / काकलि' श्चेति नामापि, कथ्यते कोविदः पुनः / लयानुग' एक तालो', गीत वादित्र संयुते // 2560 // काकु' निविकार' इच, स्वरस्य विकृतौ भयात् / प्रतिध्वनिः प्रतिश्रुच्च', शब्दभेदोनिगद्यते // 2561 // ___* समूहनामानि ॐ समूहः' समुदाय' श्च, समुदयो ऽपि सञ्चयः / समवाय श्च सङ्घातः , सन्दोहः संहति स्तथा // 2562 // पाकर उत्करः१० कूटं'' कलाप१२ श्च कदम्बकम्'३ / निकरो'४ निकुरम्ब'५ञ्च,प्रकरः 6 पेटकं गणः // 2563 / / चक्रवाल'६ श्चय२० श्चक २१,जातं२२ जालं२३ च मण्डलम्२४ / निवहो२५ विसरो२६ वारो२७, वातो२८ वृन्दं२६ तथा व्रजे:३१ // 2564 // व्यूहो। राशि३२ स्तथा स्तोम:33 ,पुञ्ज३४ श्च पटलं 35 पुनः / प्रोघ3 श्चेति हि नामानि, समुदायस्य सन्ति वै // 2565 //