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________________ 362 सुशीलनाममालायां प्राति राडी शराति श्च, शरालिः शराली' पुनः // 2426 / / ॐ क्रकर नाम * करः' कृकणो नाम-द्वयं ककर पक्षिणः / ___(r) शकुन्त नाम है भास' स्तथा शकुन्त' श्च, भासनाम द्वयं स्मृतम् // 2430 // 8 जलकुक्कुभ नामानि (r) कोयष्टि:' शिखरी चैव, जलकुक्कुभ उच्यते। 8 कपोतनामानि 8 पारापतः कपोत श्च, ख्यातः पारावतः पुनः / / 2431 // कलरव स्तथा रक्तलोचनो ऽपि च कथ्यते / * चकोरनामानि . चकोर' श्चलचञ्चु' श्च, तथैव विषसूचकः // 2432 // नाम ज्योत्स्नाप्रियो लोके चकोरस्य चतुर्थकम् / * गुन्द्रालनामानि (r) जीवंजीव' श्च गुन्द्रालोरे, विषदर्शनमृत्युकः // 2433 // * व्याघ्राटनामानि 8 व्याघाट' श्च भरद्वाजो, भारद्वाजो ऽपि ज्ञायताम् /
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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