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________________ 388 सुशीलनाममालाया खञ्जनः' खञ्जरीट' श्च, लघुपक्षी कवेः प्रियः // 2406 // * सारसनामानि . सारसो' लक्ष्मण:२ कामी, मैथुनी रक्तमस्तक: / .. श्येनाक्ष श्चापि श्येनास्यो', गोनो दीर्घजानुक: // 2407 // कुरङ्करः पुष्कराख्यो', नामानि सारसस्य वै / * सारसीनामानि (r) सारसी' लक्ष्मणा प्रोक्ता, लक्षणा लक्ष्मणी च सा // 2408 / / ॐ क्रौञ्चनामानि (r) कञ्चः' क्रौञ्च' श्च क्रुङ पुंसि, क्रुञ्चा' क्रौञ्चो स्त्रियां भवेत् / * चाषनामानि के चापः' किको दिवि:२ एचैव, किकि: किको दिवो दिविः // 2406 // किकिदिवि: किकोदीवि:, किकीदिवीः किकीदिवः / किकिदिव'' श्च नामानि, चाषस्य संभवन्ति वै // 2410 // * चातकनामानि ॐ चातकः' स्तोकक:२ ख्यातः, पप्पोह श्च नभोऽम्बुपः / / तोकक' श्चैव सारङ्गः', शारङ्गो ऽपि च कथ्यते // 2411 //
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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