________________ 354 सुशीलनाममालायां दर्भ:' कुथः कुशो' बहिः, पवित्रं नाम पञ्चमम् / तेजन' स्तु शरो गुन्द्रो', मुजो नाम चतुर्थकम् // 2151 // हरिताली' रुहा' ऽनन्ता', दूर्वा च शतपरिणका / तथा सहस्रवीर्या च, भार्गवी शतपविका // 2152 // पोटगल' स्तु प्रख्यातो, घमन इच नडो नलः४। मेघनामा' स्तु वै मुस्ता, कुरुविन्द श्च मुस्तकः // 2153 // : गुन्द्रा' तु सोत्तमा ख्याता, स्यादपि भद्रमुस्तकः / उलपो' बल्वजारे चैवं, भवेत् कोमलघासकं // 2154 // * इक्षुनामानि ॐ प्रथेक्षुः' स्याद् रसाल' श्च, प्रख्यातोऽप्यसिपत्रकः / * इक्षुभेदनामानि * कान्तारः' कोषकार इच, पुण्ड-पुण्ड्रक -पौण्डकाः // 2155 // ईक्षो मूलस्य नामात्र, मोरटं' मन्यते बुधः / काशः' कासरे मिषोका च, तृणभेदोऽपि कथ्यते // 2156 // यवस' चापि घास: स्यात्, तृण' मर्जून मेव च / * विषनामानि * विष' स्तीक्ष्णं रसः क्ष्वेडो, गरलो ऽपि च नाम वै // 2157 //