________________ 350 सुशीलनाममालायां गोधूम' नाम प्रख्यातः, सुमनो ऽपि कथ्यते। .. वल्ल' स्तु शितशिम्बिकः२, सितशिम्बिक उच्यते // 2118 // निष्पाव' इति नामापि, वल्लस्य मन्यते बुधैः / कुलत्थ' कालवृन्त श्च, ताम्रवृन्ता' कुलत्यिका // 2116 // . . प्राढको ' तुवरी ख्याता, वर्णाः चेत्यपि मन्यते / कुल्मासो' यावक श्चैव, कुल्माषो. ऽपि कथ्यते // 2120 // नीवार' श्च वनव्रीहिः२, स्यातां श्यामाक' - श्यामको / कॉ' ३च कङ्गुनी क्वगुः, कङ्ग् श्च पिततण्डुला // 2121 // प्रियङ्गु श्चेति नामानि, कथ्यन्ते पण्डितः पुनः / / मधुका' कृष्णकगुः स्यात्, शोधिका' रक्त कङगुनी // 2122 // मुसटी' श्वेतकङ्गु स्याद्, माधवी' पीतकङ गुनी। उद्दालः' काद्रव स्यान्च, कोद्रवः कोरदूषकः // 2123 // चीनक:' काकगु श्च, भेदः कङ्गो रिह स्मृतः / के यवनालनामानि के विख्यातो यवनाल' श्च, योनलो' बोजपुष्पिका // 2124 // जूर्णाह्वय ३च, जोन्नाला', देवधान्यं तथैव च / मातुलानी' शरणं' भङ्गा', भवेदुमा' क्षुमारे ऽतसी // 2125 // गवेडु' स्याद् गवेधु श्च, गवीधूका गवेधुका। /