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________________ चतुर्थस्तिर्यविभागः ___ 325 * वृक्षत्वग्नामानि 8 त्वचा' त्वक् वल्कलं वल्क, छल्ली चोचं च कथ्यते / * वृक्षस्थाणुनामानि (r) शुष्के वृक्षे स्थाणुः' शकु, ध्रुवश्च ध्र वको भवेत् // 1970 // .. ॐ काष्ठनामानि (r) दारु' दलिक मित्येवं, काष्ठ' नामापि कथ्यते / ___. * कोटरनाम 8 निष्कुहः' कोटर श्च, वृक्षान्त र्जायते स्थलम् // 1971 // * मञ्जरिनामानि * मञ्जा' च मञ्जरिः२ स्यु , वल्लरि' श्चापि वल्लरी'। . . ॐ पत्रनामानि ॐ पत्रं' पर्ण पलाशं च, छदनं चापि छदं दलम् // 1972 // बह चेति हि मन्यन्ते, पत्रनामानि पण्डितैः / * किसलयनामानि के किशलयं' नवे पत्रे, किसलयं च पल्लवम् // 1973 // किसलं चेति नामानि, कथ्यन्ते किसलस्य वै।
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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