________________ 302 सुशीलनाममालायां * प्रवालनामानि ॐ प्रवालो' रक्तकन्द श्च, रक्ताङ्को हेमकन्दलः // 1847 // . विख्यातो विद्रुम' श्चापि, कथ्यते विबुधैः खलु। .. * सूर्यकान्तमणिनामानि * सूर्याश्मा' सूर्यकान्त इच, सूर्यमणि स्तथैव च // 1848 // दहनोपल श्च नामाऽपि, सूर्यकान्तस्य कथ्यते / ॐ चन्द्रकान्तमणिनामानि ॐ चन्द्रकान्त' स्तथा चान्द्र, चन्द्रमणि स्तथैव च // 1846 // चन्द्रोपल श्च नामाऽपि, चन्द्रकान्तस्य मन्यते / क्षीरवत् श्वेतवर्णो वै, क्षीरस्फटिक' उच्यते // 1850 // पुनश्च तैलवर्णवान्, तैलस्फटिकनाम' वै। प्राकाश'-रवस्फटिकौ च, सूर्यचन्द्रमणी इह // 1851 // अन्योऽस्ति क्षीरस्फटिक, स्तैलस्फटिक इत्यपि / ___ मौक्तिकनामानि मुक्ता' मुक्ताफलं मौक्ति-कं शुक्तिनं रसोद्भवम् // 1852 // हस्तिनः शिरसि दन्तौ, दंष्ट्रा शुन-वराहयोः / मेघो मत्स्यो भुजङ्गमो, वेणु ौक्तिकयोनयः // 1853 // // इति पृथ्वीकायः समाप्तः //