________________ 264 सुशीलनाममालायां 8 पाटकनाम * ग्रामस्यार्द्धविभागो वै, पाटकः कथ्यते जनः / * सीमानामानि ॐ प्राघाटो' ऽन्तो ऽवसानं च, मर्यादा चाऽवधि' घट: // 1640 // सीमा सीमा च नामानि, मन्यते पण्डितोजनः / ख्याता ग्रामस्य मर्यादा, ग्रामसीमा जनै सदा // 1641 // उपशल्यं 2 पदं चापि- तस्यैवार्थस्यवाचकम् / . माल' च मालकं प्रोक्त, ग्राममध्यस्थितं वनम् // 1642 // परिसरः' पर्यन्तभूः२, ग्रामान्तस्थल मुच्यते / कर्मान्तः' कर्मभूः२ शब्दऽकृष्टक्षेत्रस्य नाम वै // 1643 // ___ * गोष्ठनाम के गोस्थानं' स्यात् तथा गोष्ठ, गोष्ठीनं' भूतपूर्वकम् / पाशितंगवीनं प्रोक्तं, गावो यत्राशिताः पुरा // 1644 // ॐ क्षेत्रनामानि * क्षेत्रं वप्र श्च केदार३, श्चोक्त क्षेत्रस्य नाम वै। * सेतुनामानि (r) प्रालि' चाली तथा पालिः, पाली सेतुश्च संवरः // 1645 //