________________ चतुर्थस्तिर्यविभागः 263 मरुदेशाः हिं विजेयाः, मरव' श्च दशेरका: / जालन्धरा' स्त्रिगर्ताः स्युः, लाहोरस्यैक देशकाः // 1631 // तायिका' स्जिका:२ देशा, स्जिकस्य समीपतः / सारस्वता' च कश्मीराः२, विणिका' श्च नाम वै // 1632 // माधुमता: पुनर्नाम, काश्मीरस्य चतुष्टयम् / टक्का' स्तथैव वाहोकाः२, प्रोक्ता वाहीक देशकाः // 1633 // वाह्रोका' वाह्निका ख्याता, अरबस्तानदेशकाः / तुरुष्काः' साखय' श्चोक्ता, तुर्कस्तानप्रदेशकाः // 1634 // वृहद्गृहा' श्च कारूषा, उक्ता कारूषदेशकाः / लम्पाका' श्च मुरुण्डा: हि, लम्पाकदेशकाः सदा // 1635 // कुमालका' श्च सौधोराः', प्रोक्ता सौवीरदेशकाः / प्रत्यग्रथा' अहिच्छत्रा, श्चा अहिच्छत्रप्रदेशकाः // 1636 // कोकटा:' मगधाः प्रोक्ता, ज्याता मगधदेशकाः / प्रोण्डा'श्च केरला उक्ता, देश केरल नामनि: // 1637 // नामस्यात् कुन्तलेदेशे, कुन्तला' उपहालका: / एतानि देशनामानि, बहुवचने प्रयुञ्जते // 1638 // * ग्रामनामानि * ग्रामः' संवसथ श्चापि, स्यात् प्रतिवसथ स्तथा। पर्यपव सथौ४.५ प्रोक्तो, निवसथ श्च निगद्यते // 1636 //