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________________ 226 सुशीलनाममालायां . * क्षतव्रतनाम * क्षतव्रतो' ऽवकीर्णी च, क्षतव्रतस्य नाम / स व्रतभङ्गकारक-ब्रह्मचारी निगद्यते // 1428 / / संस्कारवजिलो' व्रात्यः२, संस्काररहितो द्विजः। शिश्विदानो' दुराचारः', कृष्णक 3 ऽपि कथ्यते // 1426 // ब्रह्मबन्धु' श्च नामाऽस्ति, द्विजो ऽधमोऽपि मन्यते / नष्टाग्नि' विरहा विप्रो, विनष्टाग्निहोत्राग्निवत् // 1430 / / विप्रो विजन धो' जाति,-मात्रजीवी च मन्यते। ..... धर्मध्वजी' लिङ्गवृत्तिः, पाखण्डो वेषवान् स वै // 1431 // वेदहीनो' निराकृतिः२, स्वाध्याय रहितो द्विजः / .. वार्ताशी' भोजनार्थ यो, ब्रूते गोत्रादिकं निजम् // 1432 // उच्छिष्ट भोजनो' देव-नैवेद्य बलिभक्षकः / पुन श्च कथ्यते देव-नैवेद्य लभोजन: // 1433 // ॐ अजपनाम * अजप' स्त्वसदध्येता२ कुपाठकजनः स्मृतः / .. . . . . ॐ शाखारण्डनाम * अन्य शाखा कर्मकर्ता शाखारण्डो' ऽन्यज्ञाखक:२ 11434 //
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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