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________________ तृतीयो मर्त्यविभागः ___ 211 * वीरपारणकनाम से वोरपाणं' तथा वीर,-पाणकर व निगद्यते // 1334 // वृत्त भाविनि वा युद्धे, मद्यपानं निगद्यते / * पलायन नामानि 8 अपयान' श्च संदाव 2, सद्रावो विद्रवो द्रवः // 13 5 // - उद्राय श्चापि प्रद्रावः७, पलायन मपक्रम: / नशनं चेति नामानि, युद्धात् पलायनस्य वै // 1336 / / . * जयनाम * जय' श्च विजयो नाम, जयार्थे वर्तते युधि / * पराजयनाम के पराजयो' रणे भङ्गो, विज्ञायते मनीषिणः // 1337 // * विप्लवनामानि * - विप्लवो' डमरो डिम्बः३, शृगाली' लुण्टने भवेत् / . ॐ वैरशुद्धिनामानि * वैरनिर्यातनं वैर,-शुद्धिः र्वैरप्रतिक्रिया // 1338 // ... * बलात्कारनामानि * बलात्कारो' हठ श्चापि, प्रसभं पुनरुच्यते। .
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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