________________ .204 ............ सुशीलनाममालायां लौहबद्ध काष्ठदण्डे, नामत्रयं प्रकीर्तितम् / के सर्वलानाम के दधिमन्थकवद् बाणः, स तोमर' श्च सर्वला२ // 1267 // * शल्यनाम *. किल बाणाग्रभागो वै, शकुः' शल्यं च कथ्यते / * शूलनाम * . त्रिशीर्षक' तथा शूलं', त्रिशूलं मन्यते जनैः // 1298 // * चक्रनामानि * शक्ति' श्चक्रं च दुःस्फोट:, पट्टिशः पट्टिस: पुनः / दुस्फोट' श्चेति नामास्ति, शतघ्नी' तु महाशिला // 1266 // मुषुण्ढी' चिरिका चैव, वराहकर्णकः पुनः / / विभिन्नाखस्य नामेदं, विभिन्न ज्ञायता मिह // 1300 // . कासूः' महाफला चैव, मष्टताला ऽऽयता पुनः / शक्ति शस्त्रस्य नामानि, मन्यन्ते सुधिया सदा / / 1301 / / पट्टिसो' लोहदण्ड श्च, तीक्ष्णधार: खुरोपमः / स्याच्छस्त्रं ह्यखवल्लोके, ऽराफलो' ऽराफल 2 स्तथा // 1302 // दुःस्फोट: श्चेति दुःस्फोट-नाम शस्त्रं हि कथ्यते। चक्र' वलयप्राय चा,-रसञ्चित मिह पुनः // 1303 / /