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________________ 200 सुशीलनाममालायां के बाणनामानि * . . बारणः' काण्ड:२ कलम्ब श्च, - कादम्ब श्चोऽखकण्टक:५ // 1271 // कङ्कपत्रः पृषत्क" श्च, वीरशङकु श्च सायकः / प्राशुगो' जिह्मगो' रोपो'२, गार्ध पक्ष:१३ शरः१४ खग:१५ // 1272 // लक्षहा'६ मार्गणो१७ वारो१८ विशिख' श्च शिलीमुखः२० / चित्रपुङ्ख' श्च पत्री-पुः२३, . प्रदरो'४ मर्मभेदनः२५ // 1273 / / पत्रवाहरेश्च नामानि, कथ्यन्ते विबुधै रिषोः / बाणविशेषनामानि 8 .. एषणः' सर्वलौह श्च, लोहनालो ऽवसायक: // 1274 // प्रक्ष्वेडन' श्च नाराचो', लोहवणानिधानि च / / निरस्त:' प्रहितः क्षिप्त.3, क्षिप्तबाणो हि कथ्यते // 1275 // विषाक्तो' लिप्तको दिग्ध, श्चोक्तं वै विषवान् शरः / बारणमुक्ति' र्व्यवच्छेदः२, धनुसङ्गात् प्रयाति यत् // 1276 // तीव्रता बाणवेगस्य, कथ्यते दीप्तिनामतः'।. . धारवान् लोहबारणस्तु, क्षुरप्रो' विनिगद्यते // 1277 //
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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