________________ तृतीयो मर्त्य विभागः 137 वपु'१ श्च पुद्गलः'३ पिण्ड:१४, काय:'५ प्रजनुक:१६ पुरम् // 601 // व्याधिस्थानं 8 तथा वेरं१६, चतुःशाख२० षडङ्गक२१ / भूधनो 2 विग्रहो२३ वर्म२४, घनो२५ बन्ध२६ श्च सञ्चर:२७ // 602 // शरीरः करणं२६ देह , श्चेति नामप्रयोगतः कथ्यते / * मृतक नाम * मृत शरीर नामानि, मृतकं' कुरणपं शवः // 3 // * कबन्धनाम * शिरो विना च मृतकं कबन्धो' रुण्ड उच्यते। ... . . * वयोनामानि * दशाः' प्रायाः२ वयांसोह', कथ्यन्ते काव्यशास्त्रयोः // 604 // * देहलक्षणनाम * देहस्य लक्षणं प्रोक्त, सामुद्र' देहलक्षणं / ॐ देहावयवनामानि 8 एकदेशे प्रतीको' ऽङ्गा',-ऽवयवा' ऽपघना अपि // 605 // गात्र चापि विजानीयात्, शरीरावयवं पुनः /