________________ तृतीयो मर्त्य विभागः * मातृनामानि * माता' ऽम्बा२ जननी जानी', जनयित्री प्रसू स्तथा H892 // सवित्री' च जनित्री च, मातृ नामनि कथ्यते / * कृमिलानाम * कृमिला' च बहुप्रसूः२, या सूते बहुसन्ततिम् / / 863 // * धातृनाम * उपमाता' च धात्री सा, याऽन्यान प्रापयति पयः / * वोरमातृनाम * वोरसूः' वीरमाता' सा, या सूते वीरमात्मजम् / / 864 / / के श्वश्रूनाम, श्वसुरनाम के श्वश्रू' माता पतिपल्योः, श्वसुरस्तु' पिता तयोः / पितरः' स्यात् पितुर्वश्या, मातु मातामहाः' कुले // 86 // * मातुःपितुश्चनामानि * मातरपितरौ माता-पितरौ पितरौ तथा। . . श्वश्वाःश्वसुरस्य च नाम ॐ प्रोक्त माता पिता चापि, श्वश्रूश्वशुरौ' श्वसुरौ // 866 //