________________ ( 245) 43 जैनतत्वप्रदीप-न्यायतीर्थ-न्यायवि० उपाध्यायजी श्री मङ्गलविजयनी म० की तत्त्वज्ञान विषयक यह संस्कृत कृति न्यायाभ्याप्ती विद्यार्थियों को अत्युपयोगी है। मूल्य रु. 1) 44 जैनतत्त्वज्ञान-प्रसिद्ध नामधेय श्रीविजयधर्मसूरि महा राजनीने इस लघु ग्रन्थ म जीवादि पदार्थों का सरल संस्कृत में विवेचन किया है / भेट. 45 विद्यगोष्ठी-विद्वद्गोष्ठी (वार्तालाप) कैसे करना ? यह बात इस ग्रन्थ से जानने में आती है। साहित्य सम्बन्धी, व्याकरण सम्बन्धी, और न्याय सम्बन्धी गोष्ठीका विस्तार से उल्लेख है / षट् दर्शन सम्बन्धी बात संक्षेप से जाननेवालों के लिये यह छोटा ग्रन्थ अवश्य मंगवाना चाहिये। मूल्य 8-8-0 46 पर्युषणाऽष्टाह्निकाव्याख्यान-(अट्ठाइ व्याख्यान, श्लोकबद्ध) भेंट. ... 4-8-0 ... 0-3-7 0-210 हिन्दी ग्रन्थों. 47: सूरीश्वर और सम्राट् ... 48 जैनतपदिग्दर्शन 49 जैनशिक्षा दिग्दर्शन 50 पुरुषार्थ दिग्दर्शन... 51 आत्मोन्नति दिग्दर्शन 52 धर्मदेशना ... 53 तेरापंथ-मतसमीक्षा 54 तेरापंथी-हितशिक्षा .. ... 0-4-0