________________ प्राकृतशब्दरूपावलिः 243 इत्यादि मालावत् // नाव्यावः // 8 / 1 / 164 / इत्यनेन नौशब्दे औत आवादेशो भवति ततः स्त्रियामाप् भवति तेन नावा इति रूपं जातम् / ॥अथ नकारान्तः पुल्लिङ्गः // // आत्मन्शब्दः // एकवचनम् . बहुवचनम् प्रथमा (अप्पाणो अप्पा (अप्पाणा अप्पाणो अप्पो अत्ताणो .. अप्पा अत्ताणा अत्ता अत्तों अत्ताणो अत्ता द्वितीया / अप्पाणं अप्पं अप्पाणे अप्पाणा अप्पाणो अत्ताणं अत्तं अप्पे अप्पा अत्ताणे अत्ताणा अत्ताणो अत्ते अत्ता तृतीया / अप्पणिआ अप्पणइआ (अप्पाणेहि अप्पेहि अप्पाणेणं अप्पणा अत्ताणेहिं अत्तेहिं अप्पेणं अत्ताणेणं अत्तणा अत्तेणं पञ्चमी / अप्पाणत्तो अप्पाणाओ अप्पाणत्तो अप्पाणाओ अप्पाणाउ अप्पाणाहिं अप्पाणाउ अप्पाणाहि अप्पाणाहिन्तो अप्पाणा अप्पाणेहि अप्पाणाहिन्तो अप्पाणो अप्पत्तो अप्पाणेहिन्तो अप्पाणाअप्पाओ अप्पाउ अप्पाहि सुन्तो अप्पाणेसुन्तो अप्पाहिन्तो अप्पा अप्पत्तो अप्पाओ अत्ताणत्तो अत्ताणाओ. अप्पाउ अप्पाहि अप्पेहि अत्ताणाउ अत्ताणाहि अप्पाहिन्तो अप्पेहिन्तो