________________ प्राकृतशब्दरूपावलिः 229 द्वितीया लच्छिं लिच्छीआ लच्छीउ लिच्छीओ लच्छी इत्यादि / छोऽक्ष्यादौ / / 8 / 2 / 17 // इत्यनेन छः // . ॥अथ पृथ्वीशब्दः // एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा पिच्छीआ पिच्छी पिच्छीआ पिच्छीउ पिच्छीओ पिच्छी द्वितीया पिच्छि .. (पिच्छीआ पिच्छीउ [पिच्छीओ पिच्छी इत्यादि / / त्व-थ्व-द्व-ध्वां च-छ-ज-झाः क्वचित् / / 8 / 2 / 15 // इत्यनेन थ्व-इत्यस्य छः / / ॥अथ भगिनीशब्दः // एकवचनम् - बहुवचनम् प्रथमा (बहिणीआ भइणीआ (बहिणीआ बहिणीउ बहिणी भइणी बहिणीओ बहिणी भइणीआ भइणीउ भणीओ भइणी इत्यादि / दुहितृ-भगिन्योधूआ-बहिण्यौ // 8 / 2 / 126 / / इत्यनेनानयोरेतावादेशौ वा। ॥अथ पृथिवीशब्दः॥ . एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा पुढवीआ पुढवी . पुढवीआ पुढवीउ पुढवीओ पुढवी इत्यादि / पथि-पृथिवी-प्रतिश्रुन्मूषिक-हरिद्रा-बिभीतकेष्वत् // 8 / 1 / 88 / / इत्यनेनैषु आदेरितोऽकारः /