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________________ [पड़ने पर बीच में ही कार्य को छोड़ देता है। (7) अक्षुद्र - हृदय की विशालता वाला : यह समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से कर सकता है। कंजुसाइ वगैरे करने के कारण क्षुद्र आदमी से तो कार्य बिगड जाते हैं। (6) धृति बलवान : यह आदमी कितनी ही कठिनाई वाले कामों में अपने मनको स्थिर और समभाव में रख सकता है और काम को अधबीच छोड़े बिना व्यवस्थित रूप में पूरा करता है। . (7) मतिमान् - बुद्धिशाली मनुष्य अपनी बुद्धि से कार्यों में आती हुई कठिनाइओं को अच्छी तरह से दूर कर सकता है। (8) धर्म रागी - धर्म कार्य करते समय कभी भी अधर्म की प्रवृत्ति न हो जाय, उसकी सावधानी रखने वाला होता है।
SR No.004475
Book TitleSavdhan Devdravya Vyavastha Margadarshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVichakshansuri
PublisherKumar Agency
Publication Year1994
Total Pages34
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size3 MB
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