________________ (10) . मध्यममेरुनगाद्धा-तकीपुष्करगतानि भरतादीनि / क्षेत्राणि पूर्वखण्डे, खण्डविचारो न जम्बूद्वीपे // 37 // विमलो 1 धम्मो 2 मुनिसु-व्वयाइ पण 7 आसि मेरुदाहिणओ। मेरुत्तरओणंतो 8, सीओआदाहिणे मल्ली 9 // 38 // - सीआए उत्तरओ, उसह 10 सुमइ 11 सुविहि 12 संति 13 कुंथुजिणा 14 / सेसा दस दाहिणओ 24, इअपुत्वभवंमि खित्तदिसा // 39 // विमलोधर्मोमुनिसु-व्रतादिपञ्चासन्मेरुदक्षिणतः / मेरूत्तरतोऽनन्तः, शीतोदादक्षिणे मल्लिः // 38 // शीताया उत्तरतः, ऋषभसुमतिसुविधिशान्तिकुन्थुजिनाः / शेषा दश दक्षिणत-इति पूर्वभवे क्षेत्रदिशः // 39 // पुक्खलवई अ 1-5-9 वच्छा 2-6-10, रमणिजो 3-7-11 मंगलावई 4-8-12 कमसो / नेआ जिणचउगतिगे, जिणतियगे खित्तनामाओ 13-14-15 // 40 // पुक्खलवइ 16 आवत्तो 17 वच्छा 18 सलिलावई 19 जिणचउक्के / मुणिसुवयाइपणगे 20-21-22-23-24 विजया खित्ताण नामेण // 41 // पुष्कलावती च वच्छा, रमणीयोमंगलावती क्रमशः / क्षेया जिनचतुष्कत्रिके, जिनत्रिके क्षेत्रनामतः // 40 //