________________ (11) पुष्कलावत्यावर्तो-वच्छा सलिलावती जिनचतुष्के। मुनिसुव्रतादिपञ्चके, विजयाः क्षेत्राऽभिधानेन // 41 // पुंडरिगिणी 1-5-9 सुसीमा 2-6-10, सुभापुरी 3-7-11- रयणसंचया 4-8-12 नेया / चउगतिगमि महापुरि 13, रिट्ठा 14 तहभदिलपुरं च 15 // 42 // पुंडरिगिणि 16 खग्गिपुरी 17 तहा सुसीमा य 18 वीयसो गाय 19 / चंपा 20 तह कोसंबी 21, रायगिहा 22 उज्झ 23 अहिछत्ता 24 // 43 // पुण्डरीकिणी सुसीमा, शुभापुरी रत्नसंचया ज्ञेया / चतुष्कत्रिके महापुरी, रिष्टा तथाभहिलपुरश्च // 42 // पुण्डरीकिणी खङ्गिपुरी, तथा सुसीमा च वीतशोका च / चंपा तथा कौशाम्बी, राजगृहमयोध्याऽहिच्छत्रा // 43 / / वजनाह 1 विमलवाहण 2, विउलबल 3 महाबला 4 अइबलो 5 य / अवराइओ.य 6 नंदी 7, पउम 8 महापउम 9 पउमा 10 य ॥४४॥नलिणीगुम्मो 11 पउमो-त्तरो अ 12 तहपउमसेण 13 पउमरहा 14 / दढरह 15 मेहरहाविअ 16, सीहावह 17 धणवई चेव 18 // 45 // वेसमणो 19 सिरिवम्मो 20, सिद्धत्थो 21 सुप्पइट्ठ 22 आणंदो 23 / नंदण 24 नामा पुचि, पढमो चक्की निवा सेसा // 46 // वज्रनाभविमलवाहन-विपुलबलमहाबला अतिबलश्च / अपराजितश्च नन्दी, पद्मोमहापद्मपद्मौ च // 44 //