________________ 84 जे लिंबपत्तमित्ता, वाउकाए हवंति जे जीवा / तं मत्थयलिक्ख मित्ता, जंबुद्दीवे न मायति / / 878 / / बारसहिं जोयणेहिं, सो परिगिण्हए सदं / . . रूवं गिण्हइ चखं, जोअणलक्खाओसाइरेगाओ / / 879 / / (गंध रसं च फासं, जोयण नवगाऊ सेसाई) पणसय सत्ततीसा, चउत्तीस सहस्स लक्खइगवीसा / पुक्खरवरदीवड्ढनरा, पुव्वेण अवरेण पिच्छति / / 880 / / अक्खंडिअचारित्तो, वयगहणाओ य जो भवे तित्थं / तस्स सगासे दंसण-वयगंहणं तहय सोही य // 881 / / जंबुद्दीवे चक्की, उक्कोसं तीस चउ जहन्नेणं / धायइपुक्खरदुगुणा एमेव य केसवाईआ / / 882 / / एगदिणे जे देवा, चयंति तेसिपि माणुसा थोवा / कत्तो मे मणुअभवो, इअ चिंताए सुरों दुहिओ // 883 // आरियमणारिएसु पढमस्स य नेमि पास चरिमाणं / सेसाण आरिएसु छउमत्थत्ते विहारो अ / / 884 / / सुमइस्स निच्चभत्तं, मल्लीपासाण अठमो आसी / वसुपुज्जस्स चउत्थं, वयंमि सेसाण छठ तवो / / 885 // वसुपुज्जो छसयजुओ, मल्लीपासो नरतिस्सयसहिआ / चउसहस्सजुओ उसहो, इग वीरो सेस सहस्सजुआ // 886 // अटूठमभत्तंमि कए, नाणुसह मल्लि नेमि पासाणं / वसुपुज्जस्स चउत्थे, सेसाणं छठभत्ततवे // 887 //