________________ 78 न सा सहा जत्थ न संति वुड्ढा, वुडूढा न ते जे न वयंति धम्म / धम्मो न सो जत्थ य नत्थि सच्च, सच्चं न तं जं छलणाणुविद्धं // 825 // जिणपूआ मुणिदाणं, एत्तियमे गिहीण सच्चरियौं / जइ एयओ भट्ठो, ता भट्ठो सव्य कज्जाओ // 826 // नरस्साभरणं रुष, रुवस्साभरणं गुणं / गुणस्साभरणं नाणं, नाणस्साभरणं दया // 827 // नाणेण जाणई भावे दंसणेण य सद्दहे / चरित्तेण निगिण्हाइ,. तवेण परिसुज्झई // 828 // जइविहु दिवसेण पयं, धरिज्ज पक्खेण सिलोगद्ध / उज्जोयं मा मुंबसु जइ इच्छसि सिक्खिऊं नाणं // 829 // तणसंथारनिविटूठो, मुणिपबरो भठरागमयमोहो / जं पावइ मुत्तिसुह, तं कत्तो चक्कवट्टीवि ? // 830 // गेहागयाणमुचिअं, वसणावडिआण तह समुद्धरणं / दुहिआण दया एसो, सम्वेसिं सम्मओ धम्मो // 831 // ईसाविसायमयकोहमाय-लोभेहिं एक्माइहिं / देवावि समभिभूआ, तेसि कत्तो सुहं नाम ? // 832 // अन्नह परिचितिज्जइ, कज्जं परिणमइ अन्नहा चेव / विहिवसयाण जियाणं, मुहुत्तमित्तंपि बहु विग्धं // 833 / / जोगो जोगो जिणसासणंमि, दुक्खक्खया पडतो / अन्नुन्नमवाहाए, असवत्तो होइ कायव्वो // 834 //