________________ प्रदान की है। प्रकाशन की इस वेला में हम कृतज्ञता पूर्वक याद कर रहे हैं चामुंडेरी निवासी, धर्मवीर श्रुतरसिक श्रीमान् केशरीमल हीराचंद (बक्षा) जी परिवार को; जिन्होंने साध्वी सौम्यप्रभा श्री जी महाराज एवं साध्वी सौम्यदर्शना श्री जी महाराज की प्रेरणा से इस पुस्तक के मुद्रण कार्य में संपूर्ण अर्थसहयोग प्रदान किया है / इस वेला में हम याद करते हैं 'मातृआशिष संगणक यंत्र' के व्यवस्थापक सूरत निवासी श्रीमान् हेमचंद्र सुमित कुमार कोचर जी को। जिन्होंने इस पुस्तक को सभी रीति से मुद्रण के योग्य तैयार किया; और हम इस पल भाव पूर्वक परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि जैन साहित्य के क्षेत्र में कुछ कार्य करते रहने के हमें पौन:पुन्येन अवसर उपलब्ध होते रहें। विनीतः जयंतिलाल शिवलाल शाह सचिव: श्री ओस्तरा पार्श्वनाथ जैन ... श्वेतांबर मूर्तिपूजक ट्रस्ट / 37