________________ 79 उवएसमाला (6) गुणहीगो गुणरयणायरेसु जो कुणइ तुल्लमप्पाणं / सुतवस्सिणो अ हीलइ, सम्मत्तं कोमलं तस्स // 351 // ओसन्नस्स गिहिस्स व, जिणपवयणतिव्वभावियमइस्स / कीरइ जं अणवजं, दढसम्मत्तस्सऽवत्थासु // 352 // पासत्थोसन्नकुसीलनीयसंसत्तजणमहाच्छंदं / नाऊण तं सुविहिया, सब्वपयत्तेण वजंति // 353 // बायालमेसणाओ, न रक्खई धाइसिज्जपिंडं च / आहारेई अभिक्खं, विगईओ सन्निहिं खाई // 354 // सूरप्पमाणभोजी, आहारेई अभिक्खमाहारं / न य मंडलीइ भुंजइ, न य भिक्खं हिंडई अलसो // 355 // कीवो न कुणइ लोअं, लज्जई पडिमाइ जल्लमवणेइ / सोवाहणो अ हिंडइ, बंधइ कडिपट्टयमकजे // 356 // गामं देसं च कुलं, ममायए पीठ-फलग-पडिबद्धो / घरसरणेसु पसज्जइ, विहरइ य सकिंचणो रिको // 357 // नहदंतकेसरोमे, जमेइ उच्छोलधोअणो अजवो / वाहेइ य पलियंकं, अइरेगपमाणमत्थुरइ // 358 // सोवइ य सव्वराई, नीसट्टमचेयणो न वा झरइ / न पमजतो पविसइ, निसिहीयावस्सियं न करे // 359 / / पाय पहे न पमज्जइ, जुगमायाए न सोहए इरियं / पुढवी-दग-अगणि-मारुअ-वणस्सइ-तसेसु निरविक्खो // 360 / / सव्वं थोवं उर्वहिं, न पेहए न य करेइ सज्झायं / . सहकरो, झंझकरो, लहुओ गणभेयतत्तिल्लो // 361 //