________________ उवएसमाला (1) रूवेण जुव्वणेण य कन्नाहि सुहेहिं वरसिरीए य / न व लुब्भंति सुविहिया, निदरिसणं जंबुनामुत्ति // 153 // उत्तमकुलप्पसूया, रायकुलवडिंसगाऽवि मुणिवसहा / बहुजणजइसंघटुं, मेहकुमार व्व विसहति // 154 // अवरुप्परसंबाहं, सुक्खं तुच्छं सरीरपीडा य / सारण वारण चोयण, गुरुजणवायत्तया य गणे // 155 / / इक्कस्स कओ धम्मो ?, सच्छंदगईमईपयारस्स / किं वा करेइ इक्को ?, परिहरउ कहं अकजं वा ? // 15 // कत्तो सुत्तथागम, पडिपुच्छण चोयणा व इक्कस्स / विणओ वेयावचं, आराहणया य मरणंते ? // 157 // पिल्लिजेसणमिक्को, पइन्नपमयाजणाउ निच्च भयं / काउमणोऽवि अकज्नं, न तरइ काऊण बहुमझे // 158 // उच्चार-पासवण-वंतपित्तमुच्छाइमोहिओ इक्को / सहवभाणविहत्यो, निपिखवइ व कुणइ उड्डाई // 159 // एगदिवसेण बहुआ, सुहा य असुहां यः जीवपरिणामा / इक्को असुहपरिणओ, चइज्ज आलंबणं लधु // 160 // सव्वजिणप्पडिकुटुं, अणवत्था थेरकप्पमेओ अ / इक्को अ सुआउत्तोऽकि हणइ तवसंजमं अइरा // 16 // वेसं जुण्णकुमारिं, पउत्थवइअं च बालविहवं च / पासंडरोहमसई, नवतरुणिं थेरमज्जं च // 162 // सविडंकुन्भडरूवा, दिट्ठा मोहेइ जा मणं इत्थी। आयहियं चिंतंता, दूरयरेणं परिहरंति // 163 //