________________ आउरपच्चक्खाणपयन्नो (3) wmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm पुदिव कयपरिकम्मो, अनियाणो ऊहिऊण मइबुद्धिं / पच्छा मलिअकसाओ, सजो मरणं पडिच्छामि // 52 // अकॅडेऽचिरभाविय, ते पुरिसा मरणदेसकालंमि / पुवकयकम्मपरिभा-वणाइ पच्छा परिवडंति // 53 // तम्हा चंदगविज्झं, सकारणं उज्जुएण पुरिसेण / जीवो अविरहियगुणो, कायव्यो मुक्खमग्गम्मि // 54 // बाहिरजोगविरहिओ, अभितरझाणजोगमल्लीणो / जह तंमि देसकाले, अमूढसन्नो चयइ देहं // 55 // हंतूण राग-दोसं, छित्तूण य अट्ठकम्मसंघायं / जम्मणमरणरहढें, छित्तूण भवा विमुचिहिसी // 56 // एवं सव्वुवएसं, जिणदिळं सदहामि तिविहेणं / तस-थावरखेमकरं, पारं निव्वाणमग्गस्स // 57 / / नहि तम्मि देस काले, सक्को बारसविहो सुअक्खंधो / सव्वो अणुचितेउं, धणियपि समत्थचित्तेणं / / 58 // एगंमि वि जमि पए, संवेगं वीअरायमग्गंमि / गच्छइ नरो अभिक्खं; तं. मरणं तेणं मरियव्वं // 59 // ता एगपि सिलोगं, जो पुरिसो मरणदेसकालंमि / आराहणोवउत्तो, चिंतंतो राहगो होइ // 6 // भाराहणोवउत्तो, कालं काऊण सुविहिओ सम्मं / उक्कोसं तिनि भवे, गंतूणं लहइ निव्वाणं // 61 // समणुत्ति अहं पढम, बीयं सव्वत्थ संजओमित्ति / सव्वं च वोसिरामि, एयं भणियं समासेणं // 6 //