________________ श्रुतरत्नरत्नाकरे पियसि सुरं गायतो वक्खाणंतो भुयाहिं नच्चंतो / इह तत्ततेलतंबयतऊणि किं पियसि न ? हयास ! // 141 // सूलारोवण-नेत्तावहाइकरचरणछेयमाईणि / रायनिओए कुंठत्तणेण लंचाइगहणाई // 142 // नयरारक्खिय भावे य बंधवहाहणणजायणाईहिं / नाणाविहपावाइं काउं किं कंदसि इयाणि ? / / 143 // गुरुदेवाणुवहासो विहिया आसायणा वयं भग्गं / लोओ य गामकूडत्तणाइभावेसु संतविओ // 144 // इय जइ नियहत्थारोवियस्स तरसेव पावविडविस्स / भुंजसि फलाई रे दुट्ठ ! अम्ह ता एत्थ को दोसो ? / / 145 / / इच्चाइ पुव्वभवदुक्कयाई सुमराविउं निरयपाला / पुणरवि वियणाउ उईरयंति विविहप्पयारेहिं // 146 // उक्कत्तिऊण देहाउ ताण मंसाई चडफडताणं / ताणं चिय वयणे पक्खिवंति जलणम्मि भुंजेउं // 147 // रे रे तुह पुव्वभवे संतुट्ठी आसि मंसरसएहिं / इय भणिउं तस्सेव य मंसरसं गिहिउ देति // 148 // चउपासम्हिलिअ वणदव महंत जालावलीहिं डझंता / सुमराविज्जति सुरेहिं नारया पुव्वदवदाणं // 149 // आहेडयचेट्ठाओ संभारेउं बहुप्पयाराओ। बंधंति पासएहिं खिवंति तह वज्जकूडेसु / / 150 // पाडंति वज्जमयवागुरासु पिटुंति लोहलउडेहिं / .. सूलग्गे दाऊणं भुंजंति जलंतजलणम्मि // 151 //