________________ 87 . उवएसमाला (6) wwwwwwwwww बहुदोससंकिलिट्ठो, नवरं मइलेइ चंचलसहावो / सुलुवि वायामितो, कायं न करेइ किंचि गुणं // 438 // केसिंचि वरं मरणं, जीवियमन्नेसिमुभयमन्नेसि / ददुरदेविच्छाए, अहियं केसिंचि उभयपि // 439 / / केसिंचि य परलोगो, अन्नेसि इत्थ होइ इहलोगो / कस्सवि दुष्णिवि लोगा, दोऽवि हया करसई लोगा // 440 // छन्जीवकायविरओ, कायकिलेसेहिं सुठ्ठ गुरुएहिं / नहु तस्स इमो लोगो, हवइऽस्सेगो परो लोगो // 441 // नरयनिरुद्धमईणं, दंडियमाईण जीवियं सेयं / बहुवायम्मिऽवि देहे, विसुज्झमाणस्स वर मरणं // 442 // तवनियमसुट्टियाणं, कल्लाग जीविअंपि मरणपि / जीवंतऽऽजंति गुणा, मयाऽवि पुण सुग्गइं जंति // 443 // अहियं मरणं अहिअं च जीवियं पावकम्मकारीणं / तमसम्मि पडंति मया, वेरं वढ्डंति जीवंता // 444 // अवि इच्छंति अ मरणं, नय परपीड करंति मणसाऽवि / जे सुविइयसुगइपहा, सोयरियसुओ जहा सुलसो // 445 // . मूला कुदंडगा दामगाणि उच्छूलघंटिआओ य / पिंडेइ अपरितंतो, चउप्पया नत्थि य पसूऽवि // 446 // तह वत्थपायदंडगउवगरणे जयणकन्जमुज्जुत्तो। जस्सऽवाए किलिरसई, तं चिय मूढो नऽवि करेई // 447 / / अरिहंता भगवंतो, अहियं व हियं व नवि इहं किंचि / वारंति कारवेंति य, चित्तूण जणं बला हत्थे // 448 //