________________ उस्सग्गतरलियमई करिति नो कारविति वंदणयं / / पासत्थाईयाणं तं न जओ कप्पमाईसु // 17 // कारणजाए जाए पासत्थाईण वंदणं कुज्जा। अह नो करेइ साहू इमं तओ होइ पच्छित्तं // 18 // भणियं सुद्धजईणं एयं जे उण हवंति पासत्था / .. . एएहि गुणेहि ततो नो हुज्जइ ताणिमं भणिउं . // 19 // सुत्तत्थपोरिसिं नो करेई गिण्हेइ परपरीवायं / पढइ धम्मकहाओ पडिलेहइ णेय थंडिल्ले // 18 // विगई आहारेइ निच्चं कडिपट्टयं च बंधेइ। . . गामं कुलं ममायइ परिहवई तहय रायणिए // 19 // लोयगहणम्मि पक्खो सपकक्ख परपक्खयाण ओमाणं / गणभेए तत्तिल्लो सयणं दिवसस्स मज्झम्मि // 20 // एसणसोहिं ण कुणइ अणेगसाहूसु जेण / पन्नरस दोसा हवंति, तम्हा ववहारणयं सरंतेण रे जीव ! // 21 // तए णिच्चं कायव्वं तत्थ तेत्तियं ताण / जेण नियधम्मवुड्डी जायइ ण हु पदुस्संति // 22 // पक्खपडिक्कमणकए विवयंति केइ णेय जाणंति / / णियधम्मधणं अम्हे हारेमो उभयहा जेण . // 23 // सत्थभणि पि जत्तो आयरिअं पुव्वसूरिपवरेहिं / नो जुज्जइ काउं अणवत्था जेण तक्करणे // 24 // जं पि हु पुव्वसूरीहिं णिच्छियं तं पि धम्मनिरयाणं / .. म हु णिच्छइडं जुज्जइ छउमत्थाणं विसेसेणं // 25 // तम्हा रे जीव ! तुमं मन्नसु धम्मत्थमप्पणो एवं। तं कुण जं आयरियं जं सत्थे तस्स सद्दहणं // 26 // 242