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________________ // 34 // // 35 // // 36 // . // 37 // // 38 // // 39 // छस्सय तेवीसहिया सहसं पुण होइ उवरि विक्खंभो / परिही बावट्ठ सयं तिन्नेव य जोयण सहस्सा मूले मझुवरिम्मि य बारस अड चउर जोयणे रुंदा / चालीसुच्चा जिणभवणभूसिया मेरूवरि चूला पंचेव जोयणसए उड्टुं गंतूण पंचसयपिहुलं / नंदणवणं सुमेरुं परिक्खिवित्ता ठियं रम्म बावट्ठी सहस्साइं पंचेव सयाई जोयणाणं तु / सोमणसं नाम वणं पंचसए होइ विच्छिन्नं सोमणसाओ तीसं छच्च सहस्से विलग्गिऊण गिरि / विमलजलकुंडगहणं होइ वणं पंडगं सिहरे हेछिमसहस्ससहिओ मेरुगिरी लक्खजोयणपमाणो / चूला दुवीस उच्चा समयकेऊहिं निद्दिट्ठा। इत्थं किल पिहुलत्तं वणसंडाणं न होइ गणियव्वं / उच्चत्ते पुण गणिए जोयणलक्खं हवइ मेरू . पंचसए छव्वीसे छच्च कला वित्थडं भरहवासं / दस सय बावन्नहिया बारस य कला य हिमवंते हेमवए पंचहिया इगवीस सयाउ पंच य कलाओ। दसहिय बायाल सया दस य कलाओ महाहिमवे हरिवासे इगवीसा चुलसीइया कला य एक्का य / सोलस सहस्स अट्ठ य बायाला दो कला निसढे तेतीसं च सहस्सा छच्च सया जोयणाण चउसीया। बाठो य कलासु कला महाविदेहस्स विक्खंभो पहहिमवाइएसुं छट्ठाणेसुं कएसु दुगुणेसुं / विविए विदेहमाणे जंबूदीवो हवइ लक्खं // 40 // // 41 // // 42 // // 43 // // 44 // // 45 // 229
SR No.004468
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 18
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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