________________ "2 पाए। इरिया भासा एसण गहण परिटुवण नामिया ताओ। पंच गईओ नारय तिर नर सुरि सिद्ध नामाओ . // 978 // नाणाइं पंच मइ सुय ओहि-मण केवलेहि भणियाई। सामइय छेय परिहार सुहुम अहक्खाय चरणाई // 979 // दसण वय सामाइय पोसह पडिमा अबंभ सच्चित्ते / आरंभ पेस उद्दिट्ट वज्जए समणभूए य // 980 // जस्संखा जा पडिमा तस्संखा तीए हुंति मासा वि। कीरंतीसु वि कज्जाउ तासु पुव्वुत्तकिरिया उ // 981 // पसमाइगुणविसिटुं कुग्गहसंकाइसल्लपरिहीणं / सम्मदंसणमणहं दंसणपडिमा हवइ पढमा // 982 // बीयाणुव्वयधारी सामाइकडो य होइ तइयाए / होइ चउत्थी चउद्दसीअट्ठमिमाईसु दिवसेसु . // 983 / / पोसह चउव्विहं पि य पडिपुण्णं सम्म सो उ अणुपाले / बंधाई अइयारे पयत्तओ वज्जईमासु // 984 // सम्ममणुव्वय-गुणवयसिक्खावयवं थिरो य नाणी य / अट्ठमीचउद्दसीसुं पडिमं ठाएगराईयं // 985 // असिणाण वियडभोई मउलियडो दिवसबंभयारी य। रत्तिं परिमाणकडो पडिमावज्जेसु दिवसेसुं // 986 / / झायइ पडिमाए ठिओ तिलोयपुज्जे जिणे जियकसाए / नियंदोसपच्चणीयं अन्नं वा पंच जा मासा . // 987 // सिंगारकहविभूसुक्करिसं इत्थीकहं च वज्जिंतो। वज्जइ अबंभमेगंतओ य छट्ठीइ छम्मासे // 988 // सत्तम्मि सत्त उ मासे नवि आहारइ सच्चित्तमाहारं / जं जं हेट्ठिल्लाणं तं तूवरिमाण सव्वं पि // 989 // .. . 3