________________ // 883 // // 884 // // 885 // // 886 // // 887 // // 888 // तिगुणा तुरूवअहिया तिरियाणं इत्थिया मुणेयव्वा / सत्तावीसगुणा पुण मणुयाणं तयहिया चेव . बत्तीसगुणा बत्तीसरूवअहिया य तह य देवाणं / देवीओ पन्नत्ता जिणेहिं जियरागदोसेहि उवसग्ग गब्भहरणं इत्थीतित्थं अभाविया परिसा / कण्हस्स अवरकंका अवयरणं चंदसूराणं हरिवंसकुलुप्पत्ती चमरुप्पाओ य अट्ठसयसिद्धा / अस्संजयाण पूया दस वि अणंतेण कालेणं सिरिरिसहसीयलेसु एक्केक्कं मल्लिनेमिनाहे य। वीरजिणिंदे पंच उ एगं सव्वेसु पाएणं रिसहे अट्टाहियसयं सिद्धं सीयलजिणम्मि हरिवंसो। नेमिजिणेऽवरकंकागमणं कण्हस्स संपन्नं. इत्थीतित्थं मल्ली पूया अस्संजयाण नवमजिणे। अवसेसा अच्छेरा विरजिणिदस्स-तित्थम्मि पढमा भासा सच्चा बीया उ मुसा विवज्जिया तासि / सच्चामुसा असच्चामुसा पुणो तह चउत्थी त्ति जणवय संमय ठवणा नामे रूवे पडुच्चसच्चे यं। ववहार भाव जोगे दसमे ओवम्मसच्चे य . कोहे माणे माया लोभे पेज्जे तहेव दोसे य। - हास भएं अक्खाइय उवघाए निस्सिया दसहा उप्पन्न विगय मीसग जीव अजीवे य जीवअज्जीवे / तह मीसगा अणंता परित्त अद्धा य अद्धद्धा आमंतणि आणमणी जायणि तह पुच्छणी य पन्नवणी। पच्चक्खाणी भासा भासा इच्छाणुलोमा य // 889 // // 890 // // 891 // // 892 / / // 893 // // 894 //