________________ // 871 // // 872 // / 873 // // 874 // // 875 // // 876 // पट्टीवंसो दो धारणाउ चत्तारि मूलवेलीओ। मूलगुणेहिं विसुद्धा एसा हु अहागडा वसही वंसगकडणोक्कंबण छायण लेवण दुवारभूमी य। परिकम्मविप्पमुक्का एस मूलुत्तरगुणेसु दूमिय धूविय वासिय उज्जोइय बलिकडा अवत्ता य / सित्ता संमट्ठा वि य विसोहिकोडिं गया वसही.. मूलुत्तरगुणसुद्धं थीपसुपंडगविवज्ज़ियं वसहिं / सेविज्ज सव्वकालं विवज्जए हुति दोसा उ . चत्तारि विचित्ताई विगईनिज्जूहियाई चत्तारि। संवच्छरे य दोन्नि उ एगंतरियं च आयाम नाइ विगिट्ठो य तवो छम्मासे परिमियं च आयामं / अवरे वि य छम्मासे होइ विगिटुं तवोकम्म वासं कोडीसहियं आयामं कट्ट आणुपुव्वीए / गिरिकंदरं व गंतुं पाओवगमं पवज्जेइ नयराइएसु घेप्पइ वसही पुव्वामुहं ठविय वसहं / वामकडीइ निविटुं दीहीकअग्गिमेकपयं सिंगक्खोडे कलहो ठाणं पुण नेव होइ चलणेसु / अहिठाणे पोट्टरोगो पुच्छम्मि य फेडणं जाण : मुहमूलम्मि य चारी सिरे य कउहे य पूयसक्कारो / खंधे पट्ठीय भरो पुट्टम्मि य धायओ वसहो उसिणोदगं तिदंडुक्कलियं फासुयजलंति जइकप्पं / नवरि गिलाणाइकए पहरतिगोवरि वि धरियव्वं जायइ सचित्तया से गिम्हम्मि पहरपंचगस्सुवरि / चउपहरोवरि सिसिरे वासासु पुणो तिपहरुवार // 877 // // .878 // // 879 // // 880 // // 881 // // 882 //