________________ // 800 // दो दक्खिणावहा वा कंचीए नेलओ स दुग्गुणो उ। एक्को कुसुमनगरओ तेण पमाणं इमं होइ // 799 // सेज्जायरो पहू वा पहुसंदिट्ठो य होइ कायव्वो। एगो णेगे य पहू पहुसंदिढे वि एमेव सागारियसंदिढे एगमणेगे.चउक्कभयणा उ। एगमणेगा वज्जा णेगेसु ये ठावए एगं // 801 // अन्नत्थ वसेऊणं आवस्सग चरिममन्नहिं तु करे। दोन्नि वि तरा भवंति सत्थाइसु अन्नहा भयणा // 802 / / जइ जग्गंति सुविहिया करेंति आवस्सयं तु अन्नत्थ / सिज्जायरो न होई सुत्ते व कए व सो होई // 803 // दाऊण गेहं तु सपुत्तदारो, वाणिज्जमाईहि उ कारणेहिं / तं चेव अन्नं व वएज्ज देसं, सेज्जायरो तत्थ स एव होइ // 804 // लिंगत्थस्स वि वज्जो तं परिहरओ व भुंजओ वा वि / जुत्तस्स अजुत्तस्स व रसावणे तत्थ दिटुंतो // 805 // तित्थंकरपडिकुट्ठो अन्नायं उग्गमो वि य न सुज्झे। अविमुत्ति अलाघवया दुलहसेज्जा उ वोच्छेओ // 806 // पुरपच्छिमवज्जेहिं अवि कम्मं जिणवरेहिं लेसेणं / भुत्तं विदेहएहि य न य सागरिअस्स पिंडो उ - // 807 // बाहुल्ला गच्छस्स उ पढमालियापाणगाइकज्जेसु / सज्झायकरणआउट्टिया करे उग्गमेगयरं चउदस दस य अभिन्ने नियमा सम्मं तु सेसए भयणा / मइओहिविवज्जासे होइ हु मिच्छं न सेसेसु // 809 // चउदस ओही आहारगा वि मणनाणिं वीयरागा वि / हुति पमायपरवसा तयणंतरमेव चउगइया / // 810 // // 808 //